संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री: एक नई पहल

संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री: एक नई पहल

संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री: एक नई पहलसंस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री: एक नई पहल

श्री रघुनाथ कीर्ति संस्कृत विश्वविद्यालय, देवप्रयाग में आयोजित विश्वविद्यालय क्रिकेट प्रतियोगिता में इन दिनों संस्कृत भाषा में कमेंट्री की जा रही है। यह पहल डॉ. श्रीओम शर्मा के नेतृत्व में की गई है, जिन्होंने क्रिकेट से जुड़े 150 से अधिक नए संस्कृत शब्दों का निर्माण किया है। इन शब्दों का उपयोग करके छात्र-छात्राएं मैचों की रोमांचक कमेंट्री कर रहे हैं। प्रतियोगिता में 18 टीमें भाग ले रही हैं। प्रत्येक टीम में दो छात्राएं भी शामिल हैं। कमेंट्री में संस्कृत के अलावा उत्तराखंड की दोनों बोलियों, गढ़वाली और कुमाऊँनी, का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह आयोजन और भी रोचक बन गया है। 

डॉ. शर्मा का कहना है कि इससे आम जनता के बीच संस्कृत की लोकप्रियता बढ़ेगी और लोग इस प्राचीन भाषा को सरलता से समझ सकेंगे। भविष्य में इन नए संस्कृत शब्दों का उपयोग देश भर में होने वाले क्रिकेट मैचों में भी किया जा सकता है, जिससे संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिलेगा और खेल प्रेमियों के लिए यह एक नया अनुभव होगा। 

उन्होंने कहा, संस्कृत में क्रिकेट कमेंट्री की यह पहल न केवल भाषा के प्रचार-प्रसार में सहायक है, बल्कि यह दर्शाती है कि प्राचीन भाषाएँ आधुनिक संदर्भों में भी प्रासंगिक हो सकती हैं। इससे संस्कृत भाषा को एक नई पहचान मिलेगी और यह खेल जगत में भी अपनी जगह बना सकेगी।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *