पश्चिम बंगाल में सत्ता का क्रूर चेहरा: कुछ ज्वलंत प्रश्न

पश्चिम बंगाल में सत्ता का क्रूर चेहरा: एक ज्वलंत प्रश्न

बंगाल हिंसा

तुलसी नारायण

पश्चिम बंगाल में सत्ता का क्रूर चेहरा: एक ज्वलंत प्रश्न

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद मुस्लिम जिहादियों द्वारा हिंदुओं के साथ की गई हिंसा से पीड़ित, बिलखते परिवार, टूटे मकान, महिलाओं की लुटी अस्मत, आंसुओं व रक्त की बहती धार मानो पूछ रही है कि चुनाव पांच राज्यों में हुए थे, पर हिंदुओं के साथ यह अत्याचार केवल बंगाल में ही क्यों?

”ममता के राज में सत्ता के साए में जिहादियों द्वारा किया अत्याचार यदि आँकड़ों में जानना हो तो….
बंगाल में हिंदुओं पर हिंसा से प्रभावित 3500 गांव 10,000 घर, 4500 पीड़ित कार्यकर्ता, 40000 पीड़ित अन्य हिंदू जन, 25 मौतें, यौन व हिंसा से उत्पीड़ित 142 महिलाएं, 4500 घर लुटे, हिंदू संस के 11 कार्यालय नष्ट किए, 11200 लोग पड़ोसी राज्य में पलायन कर गए… ।”

  • नंदीग्राम में 42 मकान बुलडोजर से तोड़े
  • सीमावर्ती क्षेत्र में गांव खाली कराने की धमकी
  • रहने व जान बचाने के नाम पर धन वसूली
  • पुलिस द्वारा F.I.R नहीं लिखना, मूकदर्शक बने रहना आदि आदि ।

विपक्ष की सांप्रदायिक पक्षपाती भूमिका…
1. भाजपा के अलावा सभी पार्टियों की सांप्रदायिक भूमिका रही है क्योंकि दंगाइयों का धर्म पता चल गया कि वह मुस्लिम है।
2. हर छोटी घटना पर TV चैनलों पर कोहराम मचाने वाले नेता भी चुप क्यों हैं?
3. बंगाल में वामपंथी व कांग्रेस ने जो वहां 55 वर्ष तक सत्ता में रहे, दंगा रोकने की अपील तक नहीं की।
4. विपक्ष ने ममता से कोई सवाल नहीं किया।
5. बात बात में राष्ट्रपति से मिलने जाने वाले विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश क्यों नहीं की?
6. विपक्षी पार्टियां बंगाल के पीड़ित हिंदुओं से मिलने नहीं गईं एवं निंदा तक नहीं की।
7. जरा सी बात पर दिल्ली में डिसप्ले कार्ड लेकर प्रदर्शन करने वाले नेता भी नदारद थे।
आखिर क्यों??….क्योंकि दंगाई मुस्लिम थे। इसीलिए न!!

..मीडिया व लिब्रांडू गैंग…

  • हम ग्राउंड जीरो से बोल रहे हैं ” बंगाल हिंसा पर कितने चैनलों से सुना
  • कितने मीडिया हाउस ने प्राइम टाइम चलाया
  • कौन मीडियाकर्मी पीड़ितों के बीच गया
  • सनसनीखेज खबर बनाने के लिए इन दिनों में अस्पताल में बेड, परेशान व्यक्ति को खोजने वाले पत्रकार बंगाल कि इन पीड़ितों के बीच क्यों नहीं गए
  • अखलाक, पहलू खां की मृत्यु पर आसमान सर पर उठाने वाले पत्रकार, बुद्धिजीवी, कलमघिस्सू गायब
    और तो और असहिष्णुता, डर लगता है, प्लीज सेव ह्युमेनिटी, अवार्ड वापसी….कहॉं हैं ये सेलिब्रिटी कहे जाने वाले लोग
  • नहीं दिख रहे न, क्योंकि:- पीड़ित हिंदू है।

सकारात्मक प्रयास……

1. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत नड्डा व केंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन बंगाल के पीड़ितों से मिलने गए |
2. राज्यपाल महोदय अभी पीड़ितों के बीच अन्य राज्य में भी गए।
3. राष्ट्रीय महिला आयोग, जनजाति अनुसूचित व मानव अधिकार आयोग की टीम पहुंची।
4. न्यायिक व संवैधानिक कदम भी उठाए गए।
5. कई हिंदू सामाजिक संगठन उनके बीच सक्रिय हुए हैं
6. पीड़ितों की सहायता व पुनर्वास हेतु देशभर में सहायता देकर योजना बनाई है।

लेकिन बड़ा प्रश्न है:-
कि यह हिंसा केवल चुनाव से संबंधित है या कोई भावी बड़ा देश विरोधी षड्यंत्र का पार्ट है!!!!?

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1 thought on “पश्चिम बंगाल में सत्ता का क्रूर चेहरा: कुछ ज्वलंत प्रश्न

  1. पहलू खान गो तस्कर की मौत पर रोने वाला भांड-रांड मीडिया चुप है ,शमसान में कैमरे लगाकर लाशें गिनने वाले बंगाल में गिनती भूल गए है,इस्राएल को कोसने-रोने वाला मीडिया बंगाल को याद नही कराएगा क्योंकि वहाँ मरने वाले दलित व हिन्दू हैं।

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