समाज के सर्वांगीण विकास को पूर्ण करने का दायित्व हमारा – सरसंघचालक
जम्मू। जम्मू कश्मीर प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शुक्रवार सुबह से केशव भवन में प्रचारकों के साथ बैठक की। बैठकों में संघ कार्य विस्तार को लेकर चर्चा की। उन्होंने संघ में पूर्णकालिक कार्यकर्ता एवं शाखाओं की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया। सरसंघचालक ने प्रचारकों से जम्मू कश्मीर प्रांत में कोरोना की स्थिति व संघ के माध्यम से हो रहे सेवा कार्यों की जानकारी ली। साथ ही संभावित तीसरी लहर से सावधानी के मद्देनजर योजना एवं प्रशिक्षण की आवश्यकताओं पर भी चर्चा की।
बैठकों में सभी प्रचारकों ने अपने-अपने क्षेत्र में संघ कार्य की वर्तमान स्थिति से सरसंघचालक को अवगत कराया। प्रचारकों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संघ स्वययंसेवकों द्वारा समाज के लिए किये गये कार्यों का उल्लेख किया। प्रचारकों के साथ बैठकें पूर्णतया संगठनात्मक कार्यों पर केन्द्रित रहीं।
बैठकों में विभिन्न विषयों की जानकारी साझा करने के साथ प्रचारकों ने सरसंघचालक से कई जिज्ञासाओं का समाधान भी प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने शताब्दी वर्ष आने से पूर्व संघ कार्य की गति को बढ़ाने की बात कही। शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवक की पहुंच हर घर तक बने।
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बैठक में चर्चा करते हुए कहा कि धर्म संस्कृति एवं समाज के सर्वांगीण विकास को पूर्ण करने का दायित्व हमारा है। इस दायित्व को पूरा करने के लिए हम सभी को मनुष्य निर्माण के कार्य में लग जाना चाहिए। समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे सामर्थ्यवान स्वयंसेवक खड़े करने हैं, जो परिस्थिति के साथ स्वयं की भूमिका को तय करने के लिए तैयार रहें। बैठक में उन्होंने वर्तमान विकास कार्यों के साथ आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की भी समीक्षा की।
दृष्टि कन्या छात्रावास की छात्राओं से भेंट
शुक्रवार सुबह कुछ समय के लिए सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सेवा भारती द्वारा संचालित दृष्टि कन्या छात्रावास की छात्राओं से भेंट की और उनसे वार्तालाप के दौरान उनकी शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ली। दृष्टि छात्रावास का पूरा नाम जनक मदान कन्या छात्रावास है। छात्रावास की शुरुआत 2012 में 7 कन्याओं के साथ जम्मू जिले के पौनीचक क्षेत्र में की गई थी। वर्तमान में यहां 24 छात्राएं अपनी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। छात्रावास का उद्देश्य छात्राओं को शिक्षा देने के साथ-साथ अच्छे संस्कार देने का भी है ताकि वे अपने समाज में एक अच्छा काम कर सकें और एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें। जब पूरा देश कोरोना से जूझ रहा था, उस समय छात्राओं ने अपना सहयोग देने के लिए अपने हाथों से मास्क बनाकर वितरित किए थे।
कोरोना काल की दूसरी लहर के दौरान जम्मू कश्मीर में सेवा कार्य
हेल्पलाइन सेंटर्स 140 स्थानों पर स्थापित किए गए थे। इन पर 1600 फोन कॉल आईं और 826 लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया। इनमें 307 कार्यकर्ता जुटे थे। प्रशासन का स्वयंसेवकों ने 57 स्थानों पर सहयोग किया और इसमें 282 कार्यकर्ताओं का योगदान रहा। इसमें लाभार्थियों की संख्या 8962 रही। संघ की योजना से 15 शहरों में आइसोलेशन केंद्रों की स्थापना, बिस्तरों की संख्या 261, सेवित जन 38 और ऑक्सीजन कंसट्रेटर 100 उपलब्ध करवाए गए. डॉक्टरों की हेल्पलाइन के जरिए 16 स्थानों पर 88 डाक्टरों की संख्या से सेवाएं देते हुए 162 लोगों को लाभ पहुंचाया। 17 स्थानों पर 10420 भोजन के पैकेट, 53 स्थानों पर रक्तदान के जरिए 163 यूनिट रक्त उपलब्ध करवाया गया। 186 लोगों को एंबुलेंस सेवा दी गई। 29 स्थानों पर आयुष 64 वितरण केंन्द खुले। 18 प्रांत स्तर की संस्थाओं को भी सेवा काम से जोड़ा गया है। 250 लोगों को ऑक्सीजन सिलेन्डर उपलब्ध कराया गया।