सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई गई डॉ. अम्बेडकर की 134 वीं जयंती, हुआ सामाजिक समरसता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई गई डॉ. अम्बेडकर की 134 वीं जयंती, हुआ सामाजिक समरसता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई गई डॉ. अम्बेडकर की 134 वीं जयंती, हुआ सामाजिक समरसता विषय पर संगोष्ठी का आयोजनसामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाई गई डॉ. अम्बेडकर की 134 वीं जयंती, हुआ सामाजिक समरसता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

अजमेर। बुधवार (16 अप्रैल 2025) को एनएमओ अजयमेरु महानगर इकाई द्वारा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रऋषि डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर की जयंती सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनायी गई। इस अवसर पर “सामाजिक समरसता हेतु डॉ. अम्बेडकर जी का योगदान” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता भूपेंद्र उबाना ने डॉ. अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के संविधान के निर्माता, हिन्दू समाज के वंचित वर्ग के सम्बल के लिए सतत संघर्ष करने वाले भीमराव रामजी अम्बेडकर किसी जाति विशेष के नेता नहीं थे अपितु समग्र समाज की उन्नति का आधार देखने वाले प्रखर राष्ट्रवादी महापुरुष थे। उन्होंने हिन्दू समाज में फैली जाति मूलक असमानता और अस्पृश्यता का सदैव विरोध किया। हिन्दू समाज की इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए वे विपरीत परिस्थितियों में भी प्रयासरत रहे। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर कहते थे, आदर्श समाज वह है जिसमें समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का पालन होता है। उन्होंने कमजोर वर्गों को अधिकार दिलाने के लिए कई आंदोलन चलाए। वे ऐसा भारत चाहते थे, जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार मिले, चाहे वह किसी भी जाति अथवा वर्ग का हो।

संगोष्ठी का शुभारंभ भारत माता व डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इकाई के सचिव डॉ. लीलाधर पालीवाल ने मंचासीन अतिथियों का परिचय कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सुनील सिंह (अतिरिक्त प्रधानाचार्य) ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अरविन्द खरे (अधीक्षक) तथा डॉ. गरिमा बाफना (अति. प्रधानाचार्य) उपस्थित थे। यश तिवाड़ी ने संगठन मंत्र, एकात्मता मंत्र व एनएमओ मंत्र कराया। छात्राओं द्वारा एनएमओ गीत प्रस्तुत किया गया। उपाध्यक्ष डॉ. प्रशान्त कोठारी ने सभी उपस्थित चिकित्सकों व विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन डॉ. हितेष गर्ग द्वारा किया गया। अन्त में कल्याण मंत्र के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।

संगोष्ठी के उपस्थित अतिथि

उपस्थित लोग

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