राजस्थान के दो स्मारक लापता, हटाए जाएंगे ASI की सूची से
राजस्थान के दो स्मारक लापता, हटाए जाएंगे ASI की सूची से
केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की समीक्षा करने जा रही है। अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सूची में से कई लापता स्मारक हटाए जाएंगे। इसके लिए आम लोगों से आपत्तियां और सुझाव भी मांगे गए हैं। एएसआई की पहली सूची में कुल 18 लापता स्मारकों के नाम हैं। इनमें राजस्थान के टोंक जिले का नगर फोर्ट शिलालेख व बारां स्थित 12वीं सदी के मंदिर का नाम शामिल है।
सर्वाधिक नौ स्मारक उत्तर प्रदेश से हैं। इनमें मिर्जापुर जिले के अहुगी में एक हजार ईसवीं के तीन छोटे लिंग मंदिर परिधि के अवशेष, वाराणसी का तेलिया नाला बौद्ध खंडहर, निर्जन गांव का हिस्सा, वाराणसी के कोषागार भवन में तख्ती पट्ट, लखनऊ के जहरीला रोड पर 6 और आठ मील पर कब्रिस्तान, लखनऊ-फैजाबाद रोड पर 3, 4 और 5 मील पर मकबरे, गौघाट का कब्रिस्तान, झांसी के रंगून का बंदूकची बुर्किल की कब्र, बांदा के दक्षिण-पश्चिम शहर का बंद कब्रिस्तान व कटरा नाका, गाजीपुर के भारंली गंगा तिर में वट वृक्ष स्थित प्राचीन स्मारक के अवशेष सम्मिलित हैं। उत्तराखंड में अल्मोड़ा के द्वाराहाट का कुटुम्बरी क्षेत्र नालिस भी सूची में है।
उल्लेखनीय है कि एएसआई की सूची में राष्ट्रीय महत्व के 3695 पुरातात्विक व ऐतिहासिक स्मारक दर्ज हैं। लेकिन 2013 में सीएजी की एक रिपोर्ट आई, जिसमें 92 संरक्षित स्मारकों के लापता होने की जानकारी थी। रिपोर्ट आने के बाद संस्कृति मंत्रालय और एएसआई ने इन लापता स्मारकों को ढूंढने का काम शुरू किया। लेकिन सिर्फ 68 स्मारकों का ही पता चल सका। 24 स्मारक अभी भी लापता हैं। स्मारकों को सूची से हटाने का अर्थ है कि अब केंद्रीय एजेंसी के पास उनकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।