हड़प नीति

जिस प्रकार से बीजिंग चीन का हिस्सा है उसी प्रकार अरुणाचल प्रदेश भी भारत का अभिन्न अंग है। जब भी चीन के राष्ट्रपति बीजिंग का दौरा करते हैं तो भारत इस प्रकार से कोई विरोध नहीं जताता फिर चीन अरुणाचल प्रदेश के दौरों पर अपना विरोध क्यों जताता है?

शुभम वैष्णव

कोई व्यक्ति अपनी जमीन पर कोई विस्तार करे तो बात में समझ आती है, परंतु अगर वही व्यक्ति पड़ोसी की जमीन को हड़प कर उस पर निर्माण की कोशिश करे तो उसकी यह नीति हड़प नीति है। इसी तरह की हड़प नीति का खेल चीन भारत समेत कई देशों के साथ खेल रहा है।

शुरू से ही चीन विवादित सीमा रेखा का बहाना करके अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ करता आ रहा है। जब भी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या कोई भी केंद्रीय मंत्री अरुणाचल प्रदेश का दौरा करता है तो न जाने क्यों चीन की बौखलाहट बढ़ जाती है और वह अपना विरोध जताता है। जिस प्रकार से बीजिंग चीन का हिस्सा है उसी प्रकार अरुणाचल प्रदेश भी भारत का अभिन्न अंग है। जब भी चीन के राष्ट्रपति बीजिंग का दौरा करते हैं तो भारत इस प्रकार से कोई विरोध नहीं जताता फिर चीन अरुणाचल प्रदेश के दौरों पर अपना विरोध क्यों जताता है? इसका कारण है चीन की हड़पनीति और अरुणाचल पर उसकी कुदृष्टि। चीन इसी हड़प नीति और कुदृष्टि के अंतर्गत वियतनाम, भारत, तिब्बत, नेपाल, हांगकांग तक के क्षेत्र पर अपना अधिकार बताता है। यहां तक कि चीन के इरादों से अमेरिका तक परेशान है। अब सभी देश चीन की इस नीति को समझ चुके हैं।

अब समय आ गया है जब सभी देश मिलकर भारत के नेतृत्व में चीन को सबक सिखाएं और उसे विश्व में अलग-थलग करें।

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