हल्द्वानी के दोषियों पर हो कठोरतम कार्यवाही- मिलिंद परांडे
हल्द्वानी के दोषियों पर हो कठोरतम कार्यवाही- मिलिंद परांडे
नई दिल्ली, 10 फरवरी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा को गंभीरता से लेते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने आज कहा कि देवभूमि में दैत्यों के आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय की अनुपालना व स्थानीय शासन-प्रशासन के कार्यों में बाधा पहुंचाते हुए ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों के साथ थाने को घेर कर किये गए जानलेवा हमलों से सम्पूर्ण देश स्तब्ध है। अब समय या गया है कि इन देश विरोधी हिंसक जिहादियों व उनके पैरोकारों के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही हो, जिससे इनकी आगे आने वाली पीढ़ी भी हिंसा, उपद्रव या किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़ के बारे में सोच भी ना सकें।
विहिप महामंत्री ने घटना में जीवन गँवाने वाले निर्दोष लोगों के लिए अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि विश्व हिन्दू परिषद उन सभी पुलिसकर्मियों व शासन – प्रशासन के लोगों के साथ खड़ा है जो हिंसा का शिकार हुए हैं। यदि आवश्यकता हुई तो विहिप बजरंगदल के कार्यकर्ता घायलों के लिए रक्तदान भी करेंगे। मामले में सरकारी कार्यवाही की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि घटना में शामिल जिहादियों के विरुद्ध ऐसी कार्यवाही हो कि इनकी आगे आने वाली पीढ़ी भी हिंसा की बात तो दूर भड़काऊ वक्तव्यों के बारे में भी सोच ना सके।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी हिंसा में विदेशी घुसपैठियों के शामिल होने के समाचारों की पुष्टि कर उन्हें शीघ्र सीमा पार करना चाहिए। कुछ विदेशी मीडिया तथा मुस्लिम समुदाय के भड़काऊ नेता भी ऐसी हिंसक घटनाओं के बारे में दुष्प्रचार कर अपराधी तत्वों को कवर फायर देने तथा भारत की छवि धूमिल करने में जुटे हैं। इनके विरुद्ध भी यथोचित कार्यवाही अपेक्षित है। हिंसा में शामिल लोग कौन थे, कहाँ से आए, उन्हें कौन उकसा रहा था और कौन भ्रामक प्रचार कर हिंसा को बढ़ावा दे रहा था, उन सभी की पहचान कर सबक सिखाना आवश्यक है।
परांडे ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वह अपने भड़काऊ नेतृत्व से सावधान रह कर, समय रहते उससे किनारा कर ले। उन्होंने कहा कि जिहादियों की पैरोकारी करने वाला मुस्लिम नेतृत्व, अपने ही समाज को आत्मघाती रास्ते पर ले जाने के प्रयास कर रहा है, ऐसे नेतृत्व से सावधान रहना होगा। हमारा संकल्प है कि हम देवभूमि उत्तराखंड को किसी भी कीमत पर दैत्यभूमि नहीं बनने देंगे।