अजमेर : दरगाह से जुड़ी अंजुमन यादगार संस्था विवादों में, फिर हुआ लाखों का गबन
अजमेर : दरगाह से जुड़ी अंजुमन यादगार संस्था विवादों में, फिर हुआ लाखों का गबन
अजमेर। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से जुड़ी अंजुमन यादगार संस्था एक बार फिर विवादों में है। यहॉं 30 लाख 93 हजार रुपयों के गबन का मामला सामने आया है। मामले में अंजुमन यादगार कमेटी के सचिव सैयद अजीम मोहम्मद की ओर से दरगाह थाना में एक शिकायत दर्ज करवाई गई है, जिसमें बताया गया है कि अंजुमन यादगार संस्था के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती और पूर्व सचिव शेखज़ादा शफीकुर रहमान चिश्ती ने षड्यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी कर पैसों का गबन किया है।
शिकायत में कहा गया है कि जब ये लोग संगठन में पद पर थे, तब तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव ने जून 2019 में दरगाह का ठेका 3 करोड़ 71 लाख 20 हजार रुपए में सैयद फसीहुद्दीन चिश्ती को दिया था। नियमानुसार सैयद फसीहुद्दीन चिश्ती को उक्त रकम का एक तिहाई भाग अर्थात एक करोड़ 23 लाख 73 हजार 333 रुपये अंजुमन यादगार में जमा कराने थे। परंतु पूर्व अध्यक्ष व सचिव ने अलग-अलग दिनों में 50 प्रतिशत व 25 प्रतिशत राशि ही जमा करायी। शेष 25 प्रतिशत 30 लाख 93 हजार 333 रुपयों का उन्होंने गबन कर लिया।
पहले भी लगा है गबन का आरोप
खादिमों की संस्था अंजुमन यादगार पर पैसों की हेराफेरी का आरोप नया नहीं है। जनवरी 2019 में भी संस्था के पूर्व पदाधिकारियों पर 75 लाख रुपयों के गबन का आरोप लगा था। तब अंजुमन यादगार के नए बने अध्यक्ष अब्दुल जर्रार चिश्ती और सचिव अब्दुल माजिद चिश्ती ने पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ चिश्ती और कोषाध्यक्ष अजीम मोहम्मद पर गबन के आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों की गिरफ्तारी भी हुई थी। तब जांच अधिकारी पुलिस उपनिरीक्षक गुमान सिंह थे और मामले का खुलासा अंजुमन यादगार के विधि सलाहकार एहतेशाम चिश्ती ने किया था।