अतिया की एक और जीत, शौहर ने दिया था तीन तलाक, मिलेगा भरण पोषण भत्ता
सहारनपुर की रहने वाली अतिया के जीवन में सालों बाद खुशी के पल आए, जब कोर्ट ने तीन तलाक की यंत्रणा से गुजर रही अतिया को शौहर द्वारा भरण पोषण भत्ता दिए जाने का फैसला सुनाया। अब अतिया साबरी को 13 लाख 44 हजार एक मुश्त व 21 हजार रुपये स्वयं व दोनों बेटियों के भरण-पोषण के लिए प्रति माह मिलेंगे।
अतिया साबरी का निकाह 25 मार्च 2012 को उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के गांव सुल्तानपुर निवासी वाजिद अली के साथ धूमधाम से हुआ था। निकाह के बाद अतिया ने दो बेटियों को जन्म दिया था। इसके बाद ससुराल वालों ने ताने मारने शुरू कर दिए। पति ने भी नवंबर 2015 में यह कहकर तीन तलाक दे दिया कि उसने बेटियों को जन्म दिया, बेटा क्यों पैदा नहीं किया। इतना ही नहीं जब आतिया ने तीन तलाक का विरोध किया तो पति वाजिद अली ने मारपीट कर बेटियों सहित उसे घर से निकाल दिया। तभी से वह बेटियों को लेकर अपने माता-पिता के साथ सहारनपुर में रह रही है।
उर्दू और समाजशास्त्र में एमए अतिया ने तीन तलाक को भी कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। 2015 से वे कोर्ट में शौहर से भरण पोषण के लिए लड़ाई लड़ रही थीं। उन्होंने वाजिद अली की आय एक लाख रुपए प्रतिमाह बताते हुए अपने लिए 25 हजार व दोनों नाबालिग बेटियों के लिए 10-10 हजार रुपए प्रतिमाह भरण पोषण भत्ते की मांग की थी। अतिया ने बताया था कि शौहर वाजिद के नाम एक हीरो होंडा मोटरसाइकिल एजेंसी और 100 बीघा खेती की जमीन है।
कोर्ट के इस निर्णय के बाद अतिया और उनके परिवार वाले बहुत खुश हैं। उन्होंने इसे सुकून भरा फैसला बताया।