अलवर : एक और अवैध बीफ मंडी का खुलासा
अलवर : एक और अवैध बीफ मंडी का खुलासा
अलवर, 23 मार्च 2024। अलवर जिले में किशनगढ़बास के रुंध गिदावड़ा में गोकशी और बीफ मंडी के खुलासे के बाद अलवर के ही हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर बसे गॉंव इंदौर के पास की पहाड़ियों पर ऐसी ही एक और बीफ मंडी का पता चला है।
कैसे हुआ खुलासा?
19 मार्च 2024 को गांव के एक परिवार की दो गायें गुम हो गईं। परिवार ने पूरे दिन गायें ढूंढीं, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। अगले दिन गांव के बाहर जंगल की ओर जाते हुए कुछ गायों के पदचिन्ह दिखे, साथ में आदमियों के पांव के निशान भी थे। परिवार के सदस्य रविंद्र मेघवाल ने कुछ गांववालों के साथ पदचिन्हों का पीछा किया तो लगभग चार किमी चलने के बाद वे एक जंगल में पहुंच गए, जहॉं चारों ओर गायों के कंकाल बिखरे पड़े थे, दुर्गंध आ रही थी, झाड़ियों में कुछ गायें भी बंधी थीं, एक ओर कुछ लोग गाय काट रहे थे। उन लोगों ने जैसे ही गांव वालों को देखा तो चाकू लेकर उन्हें मारने दौड़ पड़े। रविंद्र मेघवाल और अन्यों ने भागकर जैसे तैसे जान बचाई। रविंद्र ने गाय काटने वालों में से एक हारुन मेव को पहचान लिया क्योंकि वह अक्सर गांव में घूमता दिख जाता था। रविंद्र ने अपनी गायें वापस देने को कहा तो हत्यारों ने उसे धमकाते हुए कहा कि यहॉं जो गाय आ जाती है वह वापस नहीं जाती। रविंद्र का दूध का काम है। गायें गुम हो जाने से पूरा परिवार बहुत दुखी है।
गोतस्करी के लिए कुख्यात है अलवर का मेवात क्षेत्र
अलवर का मेवात क्षेत्र गोतस्करी के लिए कुख्यात है। गोतस्करों और गोरक्षकों में मुठभेड़ें भी सबसे अधिक यहीं होती हैं। आस पास के गांवों से गायों की चोरी साधारण बात है। मुस्लिम बहुल मेवात में गोमांस खूब बिकता है। तस्कर 5 हजार में 6 गायें लाकर देते हैं। एक गाय से लगभग 160 किलो मांस निकलता है, जो 100-150 रुपए किलो के भाव से बेचा जाता है। खाल और हड्डियों से कमाई अलग। कुल मिलाकर एक गाय से 30 से 40 हजार रुपए तक कमा लिए जाते हैं। इस कमाई से बड़े बड़े लोगों को साधा जाता है, तभी यह धंधा फल-फूल पाता है। किशनगढ़बास में तो सरकार को पूरा थाना लाइन हाजिर करना पड़ा था। अब इस एक और खुलासे के बाद देखते हैं सरकार क्या एक्शन लेती है? प्रशासन कितनी चौकसी से अपनी ड्यूटी करता है।
सरकार से उचित कार्रवाई की अपेक्षा।