अवैध मतांतरण पर रोक की प्रबल आवश्यकता : विहिप
जयपुर 26 अक्टूबर। विश्व हिन्दू परिषद ने अवैध मतांतरण को रोकने के लिए कठोर केन्द्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत अध्यक्ष प्यारेलाल मीणा ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में 11 राज्यों में अवैध मतांतरण के विरुद्ध अधिनियम बनाए गए हैं, किंतु इस राष्ट्रव्यापी षड्यंत्र की गंभीरता को देखते हुए अवैध मतांतरण की राष्ट्र विघातक गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगाने के लिए कठोरतम केंद्रीय कानून बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय महत्व के कई विषयों पर उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। इस विषय पर भी केंद्र सरकार शीघ्र कार्यवाही करे।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री अशोक डिडवानिया ने भी कहा कि देश में ईसाई मिशनरियों तथा मुस्लिम मौलवियों द्वारा दीर्घकाल से किए जा रहे अवैध मतांतरण को रोकने के लिए एक कठोर केंद्रीय कानून बनाने की प्रबल आवश्यकता है। विगत में संविधान सभा के सदस्यों ने भी मतांतरण की बढ़ती गतिविधियों के प्रति समय-समय पर चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें रोकने के लिए केंद्रीय कानून बनाने की आवश्यकता पर विचार व्यक्त किये थे। उस समय संविधान निर्माताओं ने आवश्यकता पड़ने पर कानून बनाने का आश्वासन भी दिया था।
विहिप के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मतांतरण की गतिविधियों के अध्ययन के लिए गठित नियोगी आयोग तथा वेणुगोपाल आयोग ने भी ऐसा कानून बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था। सरला मुद्गल प्रकरण में तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस विषय में स्पष्ट निर्देश दिए थे।
संपूर्ण विश्व में भारत की पहचान हिंदू जीवन मूल्यों से होती है। मतांतरण के कारण भारत का जनसांख्यिकीय स्वरूप तथा अस्मिता संकटग्रस्त है। इससे जुड़े हुए अनेक आपराधिक षड्यंत्र इन दिनों उजागर हुए हैं। एक षड्यंत्र में तो मूक- बधिर बच्चों को मतांतरित कर मानव बम के रूप में दुरुपयोग करने की आशंका भी व्यक्त की गई थी। लव जिहाद के परिणामस्वरूप हिंदू कन्याओं के शोषण तथा हत्या के समाचार निरंतर मिल रहे हैं।