इस्लामिक आतंकी संगठन टीआरएफ ने कश्मीर में तीन बेगुनाहों को गोली मारी
इस्लामिक आतंकी संगठन टीआरएफ ने बेगुनाह की हत्या की
अमन चैन और विकास की राह पर चल पड़ा कश्मीर इस्लामिक आतंकियों को रास नहीं आ रहा। ये लोग यहॉं अशांति और डर का वातावरण बनाए रखना चाहते हैं, इसके लिए बेगुनाहों को भी मौत के घाट उतारने से नहीं चूकते। पूरी दुनिया में इस्लाम का राज कायम करने की इच्छा रखने वाले इस्लामिक आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार देर शाम एक स्थानीय हिंदू दवा व्यापारी माखनलाल बिंदरू, लाल बाजार में गोलगप्पे की रेहड़ी लगाने वाले वीरेंद्र पासवान और बांदीपोरा के मोहम्मद शफी लोन की हत्या कर दी। लोगों ने लहूलुहान केमिस्ट बिंदरू को महाराजा हरि सिंह अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कश्मीरी पंडित बिंदरू उन लोगों में से थे, जिन्होंने 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के बाद पलायन नहीं किया था। वह अपनी पत्नी के साथ श्रीनगर में रहकर अपनी फार्मेसी ‘बिंदरू मेडिकेट’ चलाते थे।
हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। उल्लेखनीय है कि आतंकवाद को प्रश्रय देने के लिए बदनाम पाकिस्तान ने जब दुनिया को दिखाने के लिए लश्कर ए तैयबा (Lashkar-e-Taib) और हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की तो वहीं दूसरी ओर नए आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) की नींव रख दी। बताया जाता है कि नए आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई से बचाने के लिए बनाया गया था।