इस बार दिवाली पर जगमगाएंगे वैदिक दीपक
आत्मनिर्भर भारत और स्वावलंबन के उद्देश्य को लेकर राजधानी जयपुर में इन दिनों गौ माता के गोबर से बने वैदिक दीपक को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। जयपुर के सांगानेर स्थित पिंजरापोल गौशाला में इन दिनों देसी गाय के गोबर से दीपक बनाने का कार्य जोरों पर चल रहा है।
कई वर्षों के शोध से यह प्रमाणित हो चुका है कि गाय के गोबर में सभी तरह की हानिकारक रेडिएशन को अवशोषित करने की क्षमता होती है। भारत में गांव में कई शताब्दियों से घरों के आंगन को गाय के गोबर और मिट्टी से लीपा जाता रहा है। उसी परंपरा के तहत गौ माता के महत्व को बढ़ाने और भारत को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से इस दिवाली कई गौशालाओं में देसी गाय के गोबर से दीपक तथा अन्य सजावटी सामग्री का निर्माण किया जा रहा है।
स्थानीय लोग भी इस दिवाली चीन निर्मित सामग्री का बहिष्कार करते हुए स्थानीय उत्पादों पर जोर दे रहे हैं। इसी को देखते हुए जयपुर के सांगानेर स्थित पिंजरापोल गौशाला में बड़े स्तर पर गाय के गोबर से बने दीपक का निर्माण किया जा रहा है। इन दीपकों से प्राप्त आय का उपयोग गो सेवा में ही किया जाएगा।