उमर खालिद की गिरफ्तारी से तथाकथित लिबरल गैंग तिलमिलाया
जेएनयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने रविवार देर रात दिल्ली में दंगे भड़काने के आरोप में यूएपीए के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया। उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद से ही तथाकथित लिबरल गैंग तिलमिलाया हुआ है। तरह तरह के बयान आ रहे हैं। कोई अल्पसंख्यक कार्ड खेल रहा है तो कोई लोकतंत्र की हत्या बता रहा है।
अभिनेता जीशान अयूब ने ट्वीट किया, ‘जी हां, इस देश में अब अल्पसंख्यक होना गुनाह है। सही होना उससे भी बड़ा अपराध! और संविधान या अहिंसा की बात करने पर तो सूली पर भी चढ़ाए जा सकते हैं! कल आपके घर से भी, किसी को भी उठा लिया जाएगा। और आप ऐसे ही मुंह ताकते रह जाएंगे।’
उमर खालिद की गिरफ्तारी पर प्रशांत भूषण ने भी सवाल उठाए हैं। वहीं योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया है- हैरान हूं, आतंकवाद विरोधी कानून UAPA का इस्तेमाल उमर खालिद की गिरफ्तारी के लिए किया गया। इनके अलावा प्रकाश राज, स्वरा भास्कर, हर्ष मंदर ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी का विरोध किया है।
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद पर देशद्रोह, हत्या, हत्या की कोशिश, भड़काऊ भाषण देने समेत यूएपीए की कई धाराएं लगाई हैं।
क्या है मामला..?
इसी वर्ष 24 फरवरी को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों के लिए खालिद को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 53 लोगों की हत्याएं हुईं और 200 के लगभग लोग घायल हुए थे। खालिद पर दो भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, जिनमें वह ट्रम्प दौरे के दिन लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसा रहा था। वहीं वह दंगे के षड्यंत्रकर्ता आरोपी ताहिर हुसैन व खालिद सैफी के भी संपर्क में था। खालिद के बताए दिन ही लोगों ने सीएए के विरोध में सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन शुरू किया था। प्रदर्शन की आड़ में दंगाइयों द्वारा 24 फरवरी को कांस्टेबल रतन लाल व 25 फरवरी को आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या कर दी गई थी। इन दोनों ही दिन अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर थे। दिल्ली दंगों में पुलिस 751 एफआईआऱ दर्ज कर चुकी है। पुलिस के अनुसार, उनके पास खालिद के विरुद्ध पर्याप्त सबूत हैं। दर्ज एफआईआर में सब-इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने एक इन्फॉर्मर के हवाले से कहा कि उमर खालिद ने किसी दानिश नाम के व्यक्ति और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली दंगों की साजिश रची थी।
भीमा कोरेगांव हिंसा में भी है आरोपी
उमर खालिद पहले से ही विवादों में रहा है। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा में भी वह आरोपी था। 31 दिसंबर 2017 को आयोजित सभा में भी खालिद ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद उस क्षेत्र में जातीय हिंसा भड़क उठी थी।
जेएनयू में आतंकी अफजल गुरू की बरसी मनाई और देशद्रोही नारे लगाए थे
9 फरवरी 2016 को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में संसद हमले के मुख्य षड्यंत्रकारी आतंकी अफजल गुरू की याद में बरसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत तेरे टुकडे होंगे जैसे नारे लगे थे। उसमें भी उमर खालिद आयोजक की भूमिका में था। खालिद की योजना में देश के 18 विश्वविद्यालयों में आतंकी अफजल गुरू की बरसी पर मातम कार्यक्रम आयोजित करना था। उमर खालिद को जेएनयू में हुए देशविरोधी कार्यक्रम के लिए भी मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था।