अभाविप ने किसान आंदोलन में शामिल युवती की सामूहिक बलात्कार के पश्चात् हुई मृत्यु की उच्च स्तरीय जांच की मांग की
नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, किसान आंदोलन में सम्मिलित 25 वर्षीय युवती की सामूहिक बलात्कार के पश्चात हुई मृत्यु के कथित कारण “कोरोना” एवं राजनैतिक हस्तियों द्वारा सामूहिक बलात्कार को छिपाकर बलात्कारियों को बचाने के प्रयासों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है।
टिकरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन की आड़ में वामपंथी-अलगाववादियों ने मानवता को तार-तार कर आंदोलन में किसानों का साथ देने आयी युवती के सामूहिक बलात्कार की अभाविप कड़ी भर्त्सना करती है तथा इसमें लिप्त सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता अनुसार कठोरतम कार्रवाई की मांग दोहराती है।
टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानून के विरोध में किसान आन्दोलन कई दिनों से चल रहा है, जिसका समर्थन करने आन्दोलन में बंगाल से 25 वर्षीय युवती आई थी। जिसके साथ टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में लगे तंबू में किसानी मुखौटा पहने हुए वामपंथी दरिंदों ने दरिंदगी की। इस दुष्कर्म मामले की जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को थी, जिसे वे दबाना चाहते थे। जिसमें योगेंद्र यादव का भी नाम शामिल है। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों पर केस दर्ज किया है, जिसमें से दो, अनूप सिंह तथा अनिल मलिक एक राजनैतिक दल के सक्रिय कार्यकर्ता भी हैं। अभाविप इस मामले में संलिप्त सभी दोषियों पर त्वरित तथा कठोर क़ानूनी कार्रवाई की मांग करती है।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “किसान आंदोलन की आड़ में लगातार एक के बाद एक युवतियों के साथ अमानवीय कृत्य वामपंथी नेताओं के संरक्षण में हो रहे हैं। जानकारी होने के बाद भी मामलों को दबाना और कार्यवाही ना करना अत्यंत निंदनीय है। अभाविप की मांग है कि इन घटनाओं को करने वाले एवं उन्हें संरक्षण देने वाले नेताओं पर कठोर क़ानूनी कार्रवाई की जाए।”