कुशल संगठन कर्ता और गहन विचारक डॉ. शंकरराव तत्ववादी

कुशल संगठन कर्ता और गहन विचारक डॉ. शंकरराव तत्ववादी
13 मार्च 2025, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन, डॉ. शंकरराव तत्ववादी ने नागपुर स्थित केशव भवन, महाल कार्यालय में प्रातः 10:30 बजे अंतिम सांस ली। वे 92 वर्ष के थे। उनके निधन से पूरा संघ परिवार शोक संतप्त है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. शंकरराव तत्ववादी ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित कर दिया। वे संघ कार्यकर्ताओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
डॉ. शंकरराव तत्ववादी का जन्म 20 मार्च 1933 को हुआ था। वे बचपन से ही संघ के विचारों से प्रभावित थे और छात्र जीवन में ही शाखा से जुड़ गए थे। संघ के प्रति उनकी निष्ठा और संगठन कौशल को देखते हुए उन्हें प्रचारक बनाया गया। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्रसेवा को समर्पित कर दिया और कई दशकों तक संघ के विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। वे संघ के विदेश विभाग के संयोजक के रूप में लंबे समय तक सक्रिय रहे और प्रवासी भारतीयों के बीच संघ के विचारों का प्रचार किया। उनके प्रयासों से विदेशों में संघ के काम को मजबूती मिली और कई देशों में संघ की शाखाएं सशक्त हुईं।
डॉ. तत्ववादी केवल एक संगठनकर्ता ही नहीं, बल्कि एक गहन विचारक भी थे। वे भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और राष्ट्रीयता से जुड़े विषयों पर गहरी पकड़ रखते थे। उनकी लेखन शैली अद्भुत थी। उन्होंने संघ के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने के लिए कई लेख लिखे।