जयपुर: हाजी रफअत अली के जनाजे में उमड़ी 15 हजार की भीड़, उड़ीं कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां
जयपुर, 1 जून। सोमवार को जयपुर के रामगंज में कोरोना गाइडलाइंस की उस समय जमकर धज्जियां उड़ीं जब रामगंज निवासी हाजी रफअत अली खान की मृत्यु पर उनके जनाजे में 15 हजार से अधिक की भीड़ शामिल हुई और पुलिस इस भीड़ को रोकने की जिम्मेदारी भूल, जनाजे को सुरक्षा देने में लगी रही। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार खान की अंतिम यात्रा में लोगों के साथ ही सौ से अधिक पुलिस के जवान, डीसीपी, रामगंज व सुभाष चौक थाना प्रभारी भी मौजूद थे।
इससे पहले अप्रैल में प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर के जनाजे में भी कोरोना गाइडलाइंस को धता बताते हुए 10,000 से अधिक की भीड़ शामिल हुई थी। इसमें स्वयं सालेह मोहम्मद भी शामिल हुए, जबकि मात्र 4 दिन पहले ही वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
उस समय कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन कराने को लेकर राजस्थान सरकार की उसके दोहरे रवैये के कारण फजीहत भी हुई थी। दरअसल उन्हीं दिनों धौलपुर में सुखराम खोली ने हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अखंड रामायण का पाठ कराया। इसमें 500 से अधिक लोग जुट गए। इस पर सीएम ने एक बैठक में वहॉं के DM-SP को सबके सामने फटकार लगा डाली। उन्होंने मुख्य सचिव को भी आदेश दिया कि वे इस मामले का स्पष्टीकरण स्थानीय प्रशासन से तलब करें।
ऐसी घटनाओं के बाद यदि कोई कांग्रेस सरकार की नीयत पर प्रश्न उठाता है तो उसे साम्प्रदायिक करार दे दिया जाता है। जबकि ऐसे उदाहरणों से कांग्रेस की साम्प्रदायिक राजनीति उजागर होती है।