गुरु नानक देव ने समाज को एकता में बांधने के संदेश दिए

पाथेय डेस्क

 

प्रकाश पर्व के रूप में कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म दिन मनाया जाता है। कई धर्मों के लोगो मे भी इस दिन को बड़े ही से धूमधाम से मनाया जाता हैं। गुरुनानक देव जी ने 5 साल की उम्र में अपना पहला संदेश दिया था। इन्होने समाज को एकता में बांधने पर कई संदेश दिए है।

गुरु नानक देव जी ने ही इक ओंकार का नारा दिया था। उनका कहना था कि सबका पिता एक है इसलिए सभी लोगों को एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए। उनका मानना था कि हमें हमेशा लोभ का त्याग करना चाहिए और मेहनत से धन कमाना चाहिए।

वह कहते थे कि भगवान एक है और वह हर जगह विघमान हैं। तनाव मुक्त रहकर हमें अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए। हमें हमेशा अच्छे और विनम्र सेवाभाव से अपना जीवन गुजारना चाहिए क्योंकि अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है इसलिए कभी भी मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए।

हमेशा खुद की बुराइयों और गलत आदतों पर विजय पाने की कोशिश करनी चाहिए। कभी भी पैसों को ह्रदय से लगाकर नहीं रखना चाहिए। पुरुष और स्त्री में फर्क नहीं करना चाहिए। उनके अनुसार महिलाओं को भी समान द्रष्टि से देखना चाहिए। सभी को प्रेम, एकता, समानता और भाईचारा का संदेश देना चाहिए। जब मन पाप और लज्जा आए तब ईश्वर का नाम लेना चाहिए।

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