हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा- प्रधानमंत्री मोदी
हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार दसवीं बार तिरंगा फहराते हुए राष्ट्र को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा, ‘यह नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, यह संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए यह भारत, न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही हारता है। यदि सपनों को सिद्ध करना है और संकल्प को पार करना है तो हमें बुराइयों से लड़ना होगा और हमारी पहली लड़ाई भ्रष्टाचार के विरुद्ध है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के प्रारंभ में मणिपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में यहॉं जो हिंसा का दौर चला, उसमें कई लोगों का अपना जीवन खोना पड़ा। माँ-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति के समाचार आ रहे हैं। उन्होंने कहा देश मणिपुर के लोगों के साथ है। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर वहॉं की समस्या के समाधान के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के प्रमुख बिंदु इस प्रकार रहे:
# हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। आज के निर्णयों से 1000 साल का रूट तय होगा। हमें अपनी विरासत पर गर्व करते हुए आगे बढ़ना है।
# जब भारत ठान लेता है तो उसे पूरा करके रहता है, यह हमारा ट्रैक रिकॉर्ड कहता है।
# 2047 में जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा तब भारत विकसित होकर रहेगा।
#जैसे हमें गंदगी से घृणा होती है, वैसे ही भ्रष्टाचार से घृणा करनी होगी।
# विश्व मित्र के रूप में भारत की पहचान बनी है, दुनिया हमारे दर्शन के साथ जुड़ रही है, दुनिया हमारी विचारधारा को स्वीकार कर रही है।
#हमें न रुकना है, न दुविधा में जीना है।
#बड़ा सोचना, दूर का सोचना…सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय सोचना…यह हमारी कार्यशैली रही है।
# आज भारत वैश्विक समृद्धि के लिए मजबूत नींव रख रहा है और सभी को इस लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए।
# वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड…रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में यह हमारा बहुत बड़ा स्टेटमेंट है। दुनिया इसे स्वीकार कर रही है।
# सीमावर्ती गांव भारत के आखिरी नहीं बल्कि पहले गांव हैं, यहां सूर्य की किरण सबसे पहले आती है।
# चलता चलाता कालचक्र, अमृतकाल का भालचक्र
सबके सपने, अपने सपने, पनपे सपने सारे, धीर चले, वीर चले, चले युवा हमारे, नीति सही रीति नई, गति सही, राह नई, चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम”
# हमें वो भारत बनाना है जो पूज्य बापू के सपनों का था। हमें वो भारत बनाना है, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था। हमें वो भारत बनाना है जो हमारे वीर बलिदानियों का, वीरांगनाओं का सपना था, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपना जीवन दे दिया।
उन्होंने आगे कहा कि यह मेरी प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ना जारी रखूंगा। उन्होंने अपनी सरकार व उसकी योजनाओं से देश को परिचित करवाया , अंत में उन्होंने कहा कि मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में मुझे और भी कदम उठाने हैं और मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा ।