घाटी में मजहबी आतंकवाद का समूल नाश जरूरी, पाकिस्तान व उसकी स्लीपर सेल पर हो कठोर कार्यवाही- विहिप

घाटी में मजहबी आतंकवाद का समूल नाश जरूरी, पाकिस्तान व उसकी स्लीपर सेल पर हो कठोर कार्यवाही- विहिप
– 25 अप्रैल को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली, 23 अप्रैल, 2025। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने पहलगाम में मंगलवार को हुई भीषण आतंकी घटना की निंदा करते हुए कहा, अब समय आ गया है कि इस्लामिक जिहादी पाकिस्तान व उसके कश्मीरी स्लीपर सेल के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए तथा घाटी में पुनः सिर उठाने का दुस्साहस करने वाले मजहबी आतंकवाद का समूल नाश हो। कश्मीर घाटी के पहलगाम में जिस प्रकार यात्रियों की पैंट्स उतारकर, कलमा पूछ कर और आईडी चेक कर, जब यह सुनिश्चित हो गया कि वे मुस्लिम नहीं हैं, उनका नरसंहार किया गया, घोर निंदनीय है। इस अमानवीय घटना पर संपूर्ण देश स्तब्ध व आक्रोशित है। यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि 1990 के आतंकवाद के दिनों की वापसी का दुस्साहस हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के स्लीपर सेल आज भी हैं, जो पाकिस्तान के इशारे पर कभी भी घृणित घटनाओं को करने के लिए तत्पर रहते हैं।
कुछ दिन पूर्व ही एक सांसद ने कहा था कि कश्मीर में जो यात्री या पर्यटक आ रहे हैं या जमीन खरीद रहे हैं, वे यहां सांस्कृतिक अतिक्रमण कर रहे हैं। उसके कुछ दिन बाद ही, पाकिस्तानी सेना अध्यक्ष ने कहा कि हमारे सामने कश्मीर को वापस लेना ही एक मात्र एजेंडा रह गया है। अपने उसी एजेंडे की पूर्ति के लिए उसने यहां जिहादी आतंकवादी हमला कराया।
यह कोई सामान्य आतंकवादी घटना नहीं अपितु, पाकिस्तान का भारत के विरुद्ध खुले युद्ध की घोषणा है। इसका उत्तर भारत सरकार को उतनी ही शक्ति से देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटी में आतंकवाद के दिन दोबारा न लौटने पाएं, साथ ही पाकिस्तान का कोई नेता या सैन्य अधिकारी इस तरह के शब्द बोलने का दुस्साहस भी ना कर सके।
डॉ. जैन ने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन उसका मजहब अवश्य होता है, यह साफ दिखाई देता है। अब भारत के मुस्लिम नेता इस निर्मम नरसंहार पर क्यों चुप्पी साधे हैं? वे वक्फ एक्ट का झूठा डर दिखाकर तो पूरे देश में अफरा तफरी मचा सकते हैं, लेकिन कश्मीर घाटी में मारे गए मासूम हिन्दू यात्रियों की हत्या के विरोध में सड़क पर उतरने का साहस नहीं कर सकते। यह स्थिति अच्छी नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए, अन्यथा यह आक्रोश और बढ़ सकता है। विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ता 25 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।