चारभुजा नाथ की शोभायात्रा के भीलवाड़ा प्रवेश पर विवाद, पुलिस के खदेड़ने पर आक्रोश
भीलवाड़ा, 11 अप्रैल। भीलवाड़ा शहर में सोमवार को तुलसी विवाह को लेकर कोटड़ी से आई चारभुजा नाथ (ठाकुर जी) की बारात को पुलिस प्रशासन द्वारा बीच में रोकने से विवाद उत्पन्न हो गया। यात्रा पूर्व निर्धारित मार्ग पर चल रही थी जिसे तिलक नगर के बाहर रोक दिया गया। इससे यात्रा में शामिल श्रद्धालु आहत हो गये। राज्य शासन द्वारा व्यवस्था के नाम पर उत्सव एवं त्योहार के समय धारा 144 लागू करने से राज्य के हिन्दू समाज में पहले से ही आक्रोश है।
पुलिस द्वारा निश्चित किए लोगों को जाने की अनुमति देने की बात को लेकर हंगामा हो गया और चारभुजा नाथ की बारात में आये श्रद्धालुओं पर पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ा। यात्रा को रोकने के लिए मौके पर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी बुलवाया गया।
जानकारी के अनुसार सोमवार को श्रृग ऋषि आश्रम में तुलसी विवाह का आयोजन होने जा रहा है। इसी को लेकर कोटड़ी से चारभुजा नाथ की बारात भीलवाड़ा शहर में आई, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। ठाकुरजी की पूरे शहर में हाथी पर बिंदौली निकाली जा रही थी। तिलक नगर के पास पूरी बारात धूम-धाम से आ रही थी, लेकिन बताया जा रहा है कि इस बारात को पुलिस ने रोक दिया और निश्चित किए लोगों को ही अंदर जाने की बात कही। इसी बात को लेकर बारात में शामिल लोग आक्रोशित हो गए। चारभुजा नाथ की बारात में आये श्रद्धालुओं पर पुलिस के बल प्रयोग से स्थिति और बिगड़ गई। ऐसे में वहां भगदड़ मच गई। शहर में इस विवाद के बाद बड़ा मंदिर के बाहर भी शोभायात्रा को रोक दिया गया। जिसके बाद व्यापारियों ने सर्राफा बाजार को बंद कर दिया। पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता तैनात कर दिया गया है। भीलवाड़ा शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने प्रशासन के इस सख्त रवैये पर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि धार्मिक आयोजन में प्रशासन को संवेदनशील रुख अपनाना चाहिए। इस तरह से भारी पुलिस बल तैनात कर अतिरिक्त जाब्ता लगा के भय का माहौल बनाना गलत है। शहर में कोई भी समाज धार्मिक आयोजन करता है तो प्रशासन तनाव की स्थिति पैदा ना करे। उन्होंने सरकार और स्थानीय प्रशासन से छोटी-छोटी बातों पर इस तरह का व्यवहार नहीं करने की अपील की है, क्योंकि ऐसा करने से समाज में उत्तेजना का माहौल बनता है।
जहाजपुर कोटडी क्षेत्र के विधायक गोपीचंद मीणा का कहना है कि अनुमति के बावजूद ठाकुर जी की बारात को अनावश्यक रूप से प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास किया गया। इस तरह तनावपूर्ण माहौल बनाने का प्रयास करना गलत है।