जुमे की नमाज के बाद मुसलमानों ने पूरे देश में अराजकता फैलाई
जुमे की नमाज के बाद मुसलमानों ने पूरे देश में अराजकता फैलाई
पिछले जुमे यानि तीन जून को कानपुर में भड़की हिंसा के बाद आज फिर जुमे की नमाज के बाद देश भर में विभिन्न स्थानों पर मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए बवाल, हिंसा, पत्थरबाजी को अंजाम दिया। उत्तर प्रदेश में एक साथ कई स्थानों पर, पंजाब, झारखंड, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल से घटनाएं सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, मुरादाबाद, सहारनपुर, बंगाल में हावड़ा, झारखंड में रांची सहित कई स्थानों पर पत्थरबाजी हुई। कुछ स्थानों पर उपद्रवियों ने आगजनी की। मुरादाबाद में हिंसक हो रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया। दिल्ली, कानपुर, देवबंद, सहारनपुर, लखनऊ, कोलकाता, हावड़ा, हैदराबाद सहित कई शहरों में हंगामा हुआ।
प्रयागराज में जुमे की नमाज के बाद हजारों की भीड़ ने नारेबाजी करते हुए पथराव किया। पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया तो भीड़ गलियों और छतों पर पहुंच गई और पुलिस पर पथराव करने लगी। उपद्रवियों ने पीएसी की गाड़ी को आग लगा दी। घटना लगभग दो बजे नमाज के बाद हुई। सहारनपुर के नवाबगंज में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने जुलूस निकाला। जुलूस से लौटते हुए लोगों ने नेहरू मार्केट में खुली दुकानों पर पथराव किया। मुरादाबाद में भी जुमे की नमाज के बाद थाना मुगलपुरा क्षेत्र में स्थित मस्जिद के बाहर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ। उपद्रव करने वालों पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, तब हालात काबू में आए। हाथरस और फिरोजाबाद में भी जुमे की नमाज के बाद हंगामा हुआ। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। इसमें एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। देवबंद में जुमे की नमाज के बाद देवबंद के रशीदिया मस्जिद के बाहर जमकर बवाल हुआ। यहां नमाजियों ने पुलिस पर पथराव किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी मुस्लिम समुदाय ने प्रदर्शन किया। जुमे की नमाज के बाद भारी संख्या में लोग बाहर निकले। हावड़ा में भी जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में नमाजियों ने हावड़ा में नेशनल हाइवे 116 को ब्लॉक कर दिया। इस दौरान गाड़ियां, एंबुलेंस, पुलिस वाहन, फायर टेंडर और ट्रक आदि ट्रैफिक में फंसे रहे।
झारखंड की राजधानी रांची में भी हालात बेकाबू दिखे। जुमे की नमाज के बाद मुसलमानों ने उग्र प्रदर्शन किया। पुलिस फोर्स पर पथराव किया। एसपी सिटी अंशुमान कुमार सहित 12 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। महाराष्ट्र के सोलापुर में भी जुमे की नमाज के बाद जमकर प्रदर्शन हुआ।
दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। जुमे की नमाज के बाद श्रीनगर सहित घाटी के कुछ अन्य हिस्सों में बाजार और कारोबार बंद है। चौक-चौराहों पर पुलिस और सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं। वहीं, श्रीनगर में सुरक्षा को देखते हुए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।
जम्मू- कश्मीर की चिनाब वैली में शुक्रवार को माहौल तनावपूर्ण बना रहा, जिसे देखते हुए चप्पे-चप्पे पर भारी फोर्स की तैनाती की गई। भद्रवाह, रामबन और किश्तवाड़ में कर्फ्यू लागू है।
पंजाब के दीनी मरकज जामा मस्जिद लुधियाना के आह्वान के बाद पंजाब भर में मालेरकोटला, लुधियाना सहित अन्य स्थानों पर हंगामा हुआ। मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि शान-ए-रसूल सल्ललाहु अलैहि वसल्लम में जर्रा बराबर भी गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में मुसलमानों ने सड़कों पर उतर हंगामा किया। महाराष्ट्र के सोलापुर में भी जुमे की नमाज के बाद जमकर हंगामा हुआ।
तेलंगाना के हैदराबाद में मक्का मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से प्रदर्शनकारियों को मौके से तितर-बितर किया गया। पुलिस बल और सीआरपीएफ क्षेत्र में तैनात है।
कानपुर से लेकर काशी, मथुरा, गोरखपुर, मेरठ, आगरा, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी और पूर्वी यूपी के तमाम शहरों में मस्जिदों के बाहर और संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनात है। ड्रोन कैमरों की सहायता से नज़र रखी जा रही है।
आज की स्थिति को देखते हुए कुछ बड़े प्रश्न- ईश निंदा के नाम पर इस्लामिक अराजकता आखिर क्यों? यह देश शरिया नहीं बाबा साहब के संविधान से चलता है फिर विरोध भी संवैधानिक रूप से क्यों नहीं? नूपुर शर्मा ने वही कहा जो मौलवी अक्सर मुसलमानों को समझाते देखे व सुने जाते हैं। यदि यह गलत है तो मुसलमानों द्वारा ऐसे मौलवियों का विरोध क्यों नहीं? जो बात नूपुर ने कही, वह मौलवी कहे तो इस्लामिक शिक्षा और नूपुर ने कही तो ईश निंदा, आखिर इतना दोगलापन क्यों? फिर यदि पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी ईश निंदा है तो क्या हिन्दुओं के देवी देवताओं का अपमान ईश निंदा की श्रेणी में नहीं आता? जुमे की नमाज के बाद पत्थरबाजी भी विचारणीय है। प्रार्थना के बाद तो मन में सात्विक विचार आने चाहिए, फिर जुमे के दिन मस्जिदों में ऐसा क्या होता है कि मुसलमान पत्थरबाजी के लिए प्रेरित होता है। प्रार्थना के लिए गए लोग मस्जिद से निकलने के बाद उपद्रवी व हिंसक भीड़तंत्र में क्यों बदल जाते हैं? इसकी जांच होनी चाहिए।