नारी ना कभी किसी से हारी

नारी ना कभी किसी से हारी

राम गोपाल पारीक

नारी ना कभी किसी से हारीनारी ना कभी किसी से हारी

वह नारी है, वह नारी है।

ना कभी किसी से हारी है॥

 

ना कहो आज उसको अबला,

वह शक्ति स्वरूपा नारी है।

कर्म क्षेत्र के हर कोने में,

आज उसी की बारी है॥

 

जल में, थल में और गगन में,

सब में भागीदारी है।

घर से लेकर देश सुरक्षा,

की भी जिम्मेदारी है॥

 

लक्ष्मी, काली, दुर्गा जैसी,

बनी आज की नारी है।

मां-बेटी और बहन रूप की,

एक वही अधिकारी है॥

 

जो सहती कितने कष्ट यहां,

वह ऐसी महतारी है।

है त्याग, तपस्या की मूरत,

देवी सी वो अवतारी है॥

 

वह नारी है, वह नारी है।

ना कभी किसी से हारी है॥

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