पंचांग 1 अक्टूबर 2020
सुविचार
महते योऽपकाराय नरस्य प्रभवेत्ररः।
तेन वैरं समासज्य दूरस्थोऽमीति नाश्चसेत्॥
भावार्थ :
शत्रु चाहे राज्य से बहुत दूर बैठा हो तो भी राजा को उससे सदा सावधान रहना चाहिए। थोड़ी सी भी चूक और उदासीनता राजा को बड़ा नुकसान पहुँचा सकती है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।