पंचांग 1 अप्रैल 2022
पंचांग 1 अप्रैल 2022
सुविचार
परिवर्तिनि संसारे मृत: को वा न जायते। स जातो येन जातेन याति वंशः समुतिम्।।
भावार्थ
इस परिवर्तनशील संसार में किसी एक की मृत्यु के पश्चात् क्या कोई दूसरा जन्म नहीं लेता? अर्थात् जन्म लेना और मरना तो निरंतर चलता रहता है। परन्तु जो व्यक्ति अपने समाज तथा वंश को असीम ऊंचाइयों तक ले जाता है वास्तव में वही जन्म लेता है अर्थात् उसका ही जन्म लेना सफल है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।