पंचांग 1 मई 2022
सुविचार
मनस्यन्यद् वचस्यन्यत् कर्मण्यन्यद् दुरात्मनाम्।
मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम्॥
भावार्थ
दुष्टों के मन, वचन एवं कर्म में अलग अलग भाव होते हैं, परन्तु सज्जनों के मन, वचन एवं कर्म तीनों में एक ही भाव रहता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।