पंचांग 12 मई 2021
पंचांग 12 मई 2021
सुविचार
प्राप्तव्यमर्थं लभते मनुष्यो, देवोऽपि तं लङ्घयितुं न शक्तः।
तस्मान्न शोचामि न विस्मयो मे, यदस्मदीयं न हि तत्परेषाम्॥
भावार्थ
मनुष्य को जो प्राप्त होना होता है, उसका उल्लंघन करने में देवता भी समर्थ नहीं हैं। इसलिए मुझे न आश्चर्य है और न ही शोक क्योंकि जो मेरा है वह कोई और मुझसे छीन नहीं सकता।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।