पंचांग 12 मार्च 2022
पंचांग 12 मार्च 2022
सुविचार
आस्ते भग आसीनस्योर्ध्वस्तिष्ठति तिष्ठतः।
शेते निपद्यमानस्य चराति चरतो भगश्चरैवेति।।
भावार्थ
जो मनुष्य बिना कुछ काम किए बैठा रहता है, उसका भाग्य भी बैठा रहता है। जो खड़ा रहता है, उसका भाग्य भी खड़ा रहता है। जो सोया रहता है, उसका भाग्य भी सोया रहता है और जो चलने लगता है, उसका भाग्य भी चलने लगता है अर्थात कर्मों से ही भाग्य बदलता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।