पंचांग 14 मई 2021
पंचांग 14 मई 2021
सुविचार
कुसुमं वर्णसम्पन्नं, गन्धहीनं न शोभते।
न शोभते क्रियाहीनं, मधुरं वचनं तथा॥
भावार्थ
जिस प्रकार गंधहीन होने पर सुन्दर रंगों से संपन्न पुष्प भी शोभा नहीं देता, उसी प्रकार केवल मीठी-मीठी बातें करने वाला और उन बातों को आचरण में ना लाने वाला भी शोभा नहीं पाता।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।