पंचांग 15 जुलाई 2021
पंचांग 15 जुलाई 2021
सुविचार
मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदु:खदा:।
आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत।।
भावार्थ
हे कुंतीपुत्र! इन्द्रियों और इन्द्रिय विषयों के बीच का संपर्क सुख, संकट की क्षणभंगुर धारणाओं को जन्म देता है। ये अस्थायी हैं, ये सर्दी और गर्मी के मौसम की तरह आते हैं और चले जाते हैं। हे भारत के वंशज! बिना परेशान हुए उन्हें सहन करना सीखना चाहिए।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।