पंचांग 15 जून 2021
पंचांग 15 जून 2021
सुविचार
परिहत्र्तव्य: प्रत्यक्षो द्विपद: पशु:।
भिद्यते वाक्यशूलेन अद्वश्यं कण्टकं यथा।।
भावार्थ
कई लोग अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं करते और समय-समय पर मूर्खतापूर्ण कार्य करते रहते हैं। ऐसे लोग पशु के समान माने जाते हैं क्योंकि वे सोचने-समझने की शक्ति का प्रयोग नहीं करते। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि वे अपने शब्दों से शूल के समान उसी तरह भेदते हैं, जैसे अदृश्य कांटा चुभ जाता हो।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।