पंचांग 16 सितम्बर 2020
पंचांग 16 सितम्बर 2020
विशेष – चतुर्दशी श्राद्ध
सुविचार
य आत्मनाऽपत्रपते भृशं नरः स सर्वलोकस्य गुरुभर्वत्युत। अनन्ततेजाः सुमनाः समाहितः स तेजसा सूर्य इवावभासते॥
भावार्थ :
जो व्यक्ति अपनी मर्यादा की सीमा को नहीं लाँघता, वह पुरुषोत्तम समझा जाता है। वह अपने सात्विक प्रभाव, निर्मल मन और एकाग्रता के कारण संसार में सूर्य के समान तेजवान होकर ख्याति पाता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।