पंचांग 17 दिसम्बर 2021
सुविचार
यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा, शास्त्रं तस्य करोति किं।लोचनाभ्याम विहीनस्य, दर्पण:किं करिष्यति।।
भावार्थ
जिस मनुष्य के पास विवेक नहीं है, शास्त्र उसके किस काम के? जैसे नेत्रविहीन व्यक्ति के लिए दर्पण व्यर्थ है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।