पंचांग 19 अगस्त 2021
सुविचार
संक्षेपात्कथ्यते धर्मो जनाः किं विस्तरेण वः।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम्।।
भावार्थ
परोपकार और दूसरों को पीड़ा न पहुंचाना ही धर्म है। इसी तरह जो बातें स्वयं अच्छी ना लगती हों, उन्हें दूसरों पर स्थापित न करना भी मानव धर्म है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।