पंचांग 19 जुलाई 2021
सुविचार
रोहते सायकैर्विद्धं वनं परशुना हतम्।
वाचा दुरुक्तं बीभत्सं न संरोहति वाक्क्षतम्॥
भावार्थ
बाणों और फरसों से काट दिया गया जंगल पुनः हरा-भरा हो जाता है, लेकिन कटु-वचन से बना घाव कभी नहीं भरता। अतः कटु-वचनों का परित्याग करना चाहिए।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।