पंचांग 19 फरवरी 2022
सुविचार
वृथा वृष्टिः समुद्रेषु वृथा तृप्तेषु भोजनम्।
वृथा दानं धनाढ्येषु वृथा दीपो दिवापि च।।
भावार्थ
समुद्र में वर्षा व्यर्थ है। तृप्त को भोजन कराना व्यर्थ है। धनी को दान देना व्यर्थ है और दिन में दीपक जलाना व्यर्थ है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।