पंचांग 2 अक्टूबर 2021
सुविचार
अन्तो नास्ति पिपासायाः सन्तोषः परमं सुखम्।
तस्मात्सन्तोषमेवेह परं पश्यन्ति पण्डिताः॥
भावार्थ
तृष्णा अनंत है और संतोष परम सुख। इसलिए विद्वान पुरुष संतोष को ही इस संसार में श्रेष्ठ समझते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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