पंचांग 2 मई 2022
सुविचार
वृथा वृष्टिः समुद्रेषु वृथा तृप्तस्य भोजनम्।
वृथा दानं समर्थस्य वृथा दीपो दिवापि च॥
भावार्थ
समुद्र में वृष्टि, भर पेट खाये हुए को भोजन, समृद्ध को दान और दिन में दीपक– ये व्यर्थ ही होते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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