पंचांग 2 सितम्बर 2021
सुविचार
रोहते सायकैर्विद्धं वनं परशुना हतम्।
वाचा दुरुक्तं बीभत्सं न सम्रोहति वाक्क्षतम्॥
भावार्थ
बाणों से बींधा हुआ तथा फरसे से काटा हुआ वन भी पनप जाता है, किन्तु कटु वचन कहकर वाणी से किया हुआ घाव नही भरता।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।