पंचांग 21 सितम्बर 2021
पंचांग 21 सितम्बर 2021
सुविचार
सर्वार्थसंभवो देहो जनित: पोषितो यतः।
न तयोर्याति निर्वेशं पित्रोर्मत्र्य: शतायुषा।
भावार्थ
सौ वर्ष की आयु प्राप्त हुई मनुष्य देह भी अपने माता पिता के ऋणों से मुक्त नहीं होती। जो देह चार पुरुषार्थों (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की प्राप्ति का प्रमुख साधन है, इस शरीर का निर्माण तथा पोषण जिन के कारण हुआ है, उनके ऋण से मुक्त होना असंभव है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।