पंचांग 22 जनवरी 2021
सुविचार
मनस्येकं वचस्येकं कर्मण्येकं महात्मनाम्।
मनस्यन्यत् वचस्यन्यत् कर्मण्यन्यत् दुरात्मनाम्॥
भावार्थ
महापुरुषों के मन, वचन और कर्म में समानता पाई जाती है, पर दुष्ट व्यक्ति सोचते कुछ और हैं, बोलते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।