पंचांग 22 फरवरी 2021

पंचांग 22 फरवरी 2021

पंचांग 22 फरवरी 2021

सुविचार
केयूराणि न भूषयन्ति पुरुषं हारा न चन्द्रोज्वला न स्नानं न विलेपनं न कुसुमं नालङ्कृता मूर्धजाः।
वाण्येका समलङ्करोति पुरुषं या संस्कृता धार्यते क्षीयन्ते किल भूषणानि सततं वाग्भूषणं भूषणम्।।

भावार्थ
कंगन मनुष्य की शोभा नहीं बढ़ाते, न ही चन्द्रमा की तरह चमकते हार, न ही सुगन्धित जल से स्नान ; देह पर सुगन्धित उबटन लगाने से भी मनुष्य की शोभा नहीं बढ़ती और न ही फूलों से सजे बाल ही मनुष्य की शोभा बढ़ाते हैं। केवल सुसंस्कृत और सुसज्जित वाणी ही मनुष्य की शोभा बढ़ाती है।

।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।

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