पंचांग 23 मई 2021
पंचांग 23 मई 2021
सुविचार
प्रभोरपि धिगर्थित्वं रूपहानिं करोति यत्।
मेघातिथिं यदायाचदिन्द्रो मेषोभवत् ततः।।
भावार्थ
मांगने से मनुष्य का रूप स्वरूप घटता है। याचना यदि भगवान से भी की जाए तो उचित नहीं है। जैसे मेघातिथिं ऋषि से सोम याचना करने पर इंद्र को भी बैल बनना पड़ा था।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।