पंचांग 24 जनवरी 2022
पंचांग 24 जनवरी 2022
सुविचार
न निर्मिता केन न दृष्टपूर्वा न श्रूयते हेममयी कुरंगी।।
तथाऽपि तृष्णा रघुनन्दनस्य विनाशकाले विपरीतबुद्धिः।।
भावार्थ
मनुष्य का बुरा समय आने से पहले, उसकी बुद्धि उसका साथ छोड़ देती है। जैसे सोने का हिरन न कभी किसी ने देखा न सुना, फिर भी रघुनन्दन सोने के हिरन को पकड़ने के लिए चले गए।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।