पंचांग 25 अगस्त 2020
पंचांग 25 अगस्त 2020
विशेष – गौरी आह्वान
महालक्ष्मी व्रत प्रारम्भ (16 दिन)
सुविचार
रथस्यैकं चक्रं भुजगयमिताः सप्त तुरंगाः निरालम्बो मार्गश्चरणरहितः सारथिरपि ।
रविर्गच्छत्यन्तं प्रतिदिनमपारस्य नभसः क्रियासिद्धिः सत्त्वे भवति महतां नोपकरणे ॥
अर्थात्
सूर्य के रथ में एक ही पहिया है, साँप की लगाम से संयमित किये हुए सात घोड़े हैं, आलंबनरहित मार्ग है, बिना पैर का सारथी अरुण है; साधनों की इतनी मर्यादा होने पर भी सूर्य रोज सारे आकाश में घूमता है, क्यों कि महापुरुषों की कार्यसिद्धि, (व्यक्ति के) सत्त्व पर निर्भर करती है, न कि साधनों पर।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।