पंचांग 25 मई 2022
सुविचार
व्यसने वार्थकृच्छ्रे वा भये वा जीवितान्तगते।
विमृशंश्च स्वया बुद्ध्या धृतिमान नावसीदति।।
भावार्थ
शोक में, आर्थिक संकट में या प्राणों का संकट होने पर भी जो अपनी बुद्धि से विचार करते हुए धैर्य धारण करता है। उसे अधिक कष्ट नहीं उठाना पड़ता।
॥आप सभी का दिन मंगलमय हो॥