पंचांग 31 जनवरी 2022
पंचांग 31 जनवरी 2022
सुविचार
अयुक्तस्वामिनो युक्तं युक्तं नीचस्य दूषणम्।
अमृतं राहवे मृत्युर्विषं शंकरभूषणम्।।
भावार्थ
यदि योग्य व्यक्ति के पास अयोग्य वस्तु भी आ जाए तो वह भी काम की बन जाती है, लेकिन अयोग्य व्यक्ति के पास योग्य वस्तु भी चली जाए तो वह काम की नहीं रहती। जैसे शिव ने विष पिया, वह उनके गले की शोभा बढ़ा रहा है, लेकिन राहु अमृत पी कर भी मारा गया।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।