पंचांग 31 मई 2022

पंचांग 31 मई 2022

पंचांग 31 मई 2022

सुविचार

मूर्खो वदति विष्णाय धीरो वदति विष्णवे।
तयोः फलं तु तुल्यं हि भावग्राही जनार्दनः॥

भावार्थ

मूर्ख कहता है विष्णाय नमः जोकि अशुद्ध है और ज्ञानी कहता है विष्णवे नमः जो व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध है। लेकिन दोनों का फल एक ही है क्योंकि भगवान शब्द नहीं भाव देखते हैं।

॥आप सभी का दिन मंगलमय हो॥

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