पंचांग 4 अगस्त 2021
सुविचार
निवसन्ति हि यत्रैव सन्तः सद्गुणभूषणाः। तन्मंगल्यं मनोज्ञं च तत्तीर्थं तत्तपोवनम्।।
भावार्थ
सतगुणी सज्जन जहां निवास करते हैं। वही स्थान मनोरम एवं मंगलमय है। वही तपोवन है और वही तीर्थ है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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