पंचांग 4 जनवरी 2021
पंचांग 4 जनवरी 2021
सुविचार
तृणानि नोन्मूलयति प्रभन्जनो मृदूनि नीचैः प्रणतानि सर्वतः।
स्वभाव एवोन्नतचेतसामयं महान्महत्स्वेव करोति विक्रम॥
भावार्थ
जिस प्रकार से प्रचण्ड आंधी बड़े बड़े वृक्षों को जड़ से उखाड़ देती है किन्तु छोटे से तृण को नहीं उखाड़ती, उसी प्रकार से पराक्रमीजन अपनी बराबरी के लोगों पर ही पराक्रम प्रदर्शित करते हैं तथा निर्बलों पर दया करते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।